segunda-feira, 17 de dezembro de 2007

Em todo o tempo



Em todo o tempo

ama
o amigo.
E na angústia

nasce
o irmão


Pv 17.17

1) हमारा विषय वह शब्द है, जो आदि से विद्यमान था। हमने उसे ुसुना है। हमने उसे अपनी आंखों से देखा है। हमने उसका अवलोकन किया और अपने हाथों से उसका स्पर्श किया है। वह शब्द जीवन है


2) और यह जीवन प्रकट किया गया है। यह शाश्वत जीवन, जो पिता के यहाँ था और हम पर प्रकट किया गया है- हमने इसे देखा है, हम इसके विषय में साक्ष्य देते ओर तुम्हें इसका सन्देश सुनाते हैं।

3) हमने जो देखा और सुना है, वही हम तुम लोगों को भी बताते हैं, जिससे तुम हमारे साथ पिता और उस के पुत्र ईसा मसीह के जीवन के सहभागी बनो।

4) हम तुम्हें यह लिख रहे हैं, जिससे हम सबों का आनन्द परिपूर्ण हो जाये।

5) हमने जो सन्देश उन से सुना और तुम को भी सुनाते हैं, वह यह है- ईश्वर ज्योति है और उस में कोई अन्धकार नहीं!

6) यदि हम कहते हैं कि हम उसके जीवन के सहभागी हैं, किन्तु अन्धकार में चल रहे हैं, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्य के अनुसार आचरण नहीं करते।

7) परन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं- जिस तरह वह स्वयं ज्योति में हैं- तो हम एक दूसरे के जीवन के सहभागी हैं और उसके पुत्र ईसा का रक्त हमें हर पाप से शुद्ध करता है।

8) यदि हम कहते हैं कि हम निष्पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्य नहीं है।

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