quarta-feira, 12 de setembro de 2007

Olhando para o alto

Olhe para cima

"Se você colocar um falcão em um cercado de um metro quadrado e,
inteiramente aberto por cima, o pássaro, apesar de sua habilidade para o
vôo, será um prisioneiro.

A razão é que um falcão sempre começa seu vôo com uma pequena corrida em
terra.
Sem espaço para correr, nem mesmo tentará voar e permanecerá um prisioneiro
pelo resto da vida, nessa pequena cadeia sem teto.

O morcego, criatura notavelmente ágil no ar, não pode sair de um lugar
nivelado.
Se for colocado em um piso complemente plano, tudo que ele conseguirá fazer
é andar de forma confusa, dolorosa, procurando alguma ligeira elevação de
onde possa se lançar.

Um zangão, se cair em um pote aberto, ficará lá até morrer ou ser removido.
Ele não vê a saída no alto, por isso, persiste em tentar sair pelos lados,
próximo ao fundo. Procurará uma maneira de sair onde não existe nenhuma,
até que se destrua completamente, de tanto atirar-se contra o fundo do
vidro.

Existem pessoas como o falcão, o morcego e o zangão: atiram-se
obstinadamente contra os obstáculos, sem perceber que a saída está logo
acima.

Se você está como um zangão, um morcego ou um falcão, cercado de problemas
por todos os lados, olhe para cima"

E lá estará DEUS, a ajudá-lo.

( Desconheço o Autor )



1) कलोस्सै- निवासी सन्तो, मसीह में विश्वास करने वाले भाइयों के नाम पौलुस, जो ईश्वर द्वारा ईसा मसीह का प्रेरित नियुक्त हुआ है, और भाई तिमथी का पत्र।


2) हमारा पिता ईश्वर और प्रभु ईसा मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शान्ति प्रदान करें!

3) (३-४) हमने ईसा मसीह में आप लोगों के विश्वास और सभी विश्वासियों के प्रति आपके भ्रातृप्रेम के विषय में सुना है। इसलिए हम आप लोगों के कारण अपने प्रभु ईसा के पिता को निरन्तर धन्यवाद देते और अपनी प्रार्थनाओं में आपका स्मरण करते रहते हैं।

5) आपका विश्वास और भ्रातृप्रेम उस आशा पर आधारित है, जो स्वर्ग में आपके लिए सुरक्षित है और जिसके विषय में आपने तब सुना, जब सच्चे सुसमाचार का सन्देश

6) आपके पास पहुँचा। यह समस्त संसार में फैलता और बढ़ता जा रहा है। आप लोगों के यहाँ यह उस दिन से फैलता और बढ़ता रहा है, जिस दिन आपने ईश्वर के अनुग्रह के विषय में सुना और उसका मर्म समझा।

7) आप को हमारे प्रिय सहयोगी एपाफ्रास से इसकी शिक्षा मिली है। एपाफ्रास हमारे प्रतिनिधि के रूप में मसीह के विश्वासी सेवक है।

8) उन्होंने हमें बताया है कि आत्मा ने आप लोगों में कितना प्रेम उत्पन्न किया है।

9) जिस दिन से हमने यह सुना, हम निरंतर आप लोगों के लिए प्रार्थना करते रहे हैं। हम ईश्वर से यह निवेदन करते हैं कि वह आप को समस्त प्रज्ञा तथा आध्यात्मिक अन्तर्दृष्टि प्रदान करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूर्ण रूप से समझ सकें।

10) इस प्रकार आप प्रभु के योग्य जीवन बिता कर सब बातों में उसे प्रसन्न करेंगे, हर प्रकार के भले कार्य करते रहेंगे और ईश्वर के ज्ञान में बढ़ते जायेंगे।

11) आप ईश्वर की महिमामय शक्ति से बल पा कर सदा दृढ़ बने रहेंगे,

12) सब कुछ आनन्द के साथ सह सकेंगे और पिता को धन्यवाद देंगे, जिसने आप को इस योग्य बनाया है कि आप ज्योति के राज्य में रहने वाले सन्तों के सहभागी बनें।

13) ईश्वर हमें अन्धकार की अधीनता से निकाल कर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया।

14) उस पुत्र के द्वारा हमारा उद्धार हुआ है, अर्थात् हमें पापों की क्षमा मिली है।

15) ईसा मसीह अदृश्य ईश्वर के प्रतिरूप तथा समस्त सृष्टि के पहलौठे हैं;

16) क्योंकि उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है। सब कुछ - चाहे वह स्वर्ग में हो या पृथ्वी पर, चाहे दृश्य हो या अदृश्य, और स्वर्गदूतों की श्रेणियां भी - सब कुछ उनके द्वारा और उनके लिए सृष्ट किया गया है।

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